इस काया का पल भर का ना ठिकाना है, मिट्टी का ये पुतला एक दिन मिट्टी में मिल जाना है। इस काया का पल भर का ना ठिकाना है, मिट्टी का ये पुतला एक दिन मिट्टी में मिल जाना ...
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किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।
माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन । माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन ।
हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे
खुशी प्यार के रंग, नेग भरता जीवन में। खुशी प्यार के रंग, नेग भरता जीवन में।